
झारखंड के गोड्डा जिले में शुक्रवार को मंडल कारा से लेकर सदर अस्पताल तक एक व्यक्ति की मौत के बाद जो संवेदनहीनता दिखी वो शर्मसार करने वाली थी. जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे गोड्डा से एक कैदी महेंद्र बेसरा की तबियत खराब होने पर इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. अस्पताल प्रबंधन ने उपचार शुरू किया, लेकिन कुछ देर बाद ही कैदी की मौत हो जाती है. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम करवाया जाना था, लेकिन शाम सात बजे तक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया. बोर्ड के सदस्यों ने मृतक के विचाराधीन कैदी होने के कारण फॉरेंसिक जांच के लिए धनबाद भेजने का निर्णय लिया. इस दौरान शव अस्पताल के वार्ड में अन्य मरीजों के साथ ही पड़ा रहा. सूचने के बाद मृतक के परिजन भी अस्पताल पहुंचते हैं. कैदी की मौत सुबह ग्यारह बजे हो जाती है उसके बाद रात नौ बजे तक न तो पोस्टमार्टम हुआ औ न ही फॉरेंसिक जांच. कैदी की मौत के बाद शव पोस्टमार्टम हाउस में रखना चाहिए था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन की कार्यशेली के कारण शव वार्ड में ही पड़ा रहा और शव को आक्सीजन मास्क व सर्लाइन चढ़ता रहा.
from Latest News झारखंड News18 हिंदी https://ift.tt/2IUODFw
No comments:
Post a Comment